सरकारी राशि का खेल! किसने लगाई जनता के पैसों में आग?
ग्राम पंचायत सिमरिया कला में उठे सवालों ने मचाया हड़कंप
ग्राम पंचायत सिमरिया कला, जनपद करेली (नरसिंहपुर) — जहाँ विकास के नाम पर योजनाएँ तो बनीं, लेकिन अब सवालों की चिंगारियाँ आग बनकर भड़क रही हैं। सरकारी खातों से निकली राशि आखिर पहुँची कहाँ? बिल बने तो कैसे? राशियाँ बदलीं तो क्यों? और सबसे बड़ा सवाल — क्या ये भ्रष्टाचार है या सिस्टम की चाल?
📍 क्या फर्जी बिलों से योजनाएँ पूरी दिखाई जा रही हैं?
📍 क्या मजदूरों के नाम पर निकले पैसे किसी और की जेब में जा रहे हैं?
📍 क्या सड़कों पर पड़ी धूल ही “काम पूरा” मान ली गई है?
📍 क्या हर जांच सिर्फ कागज़ी खानापूर्ति बनकर रह जाएगी?
📍 और आखिर वो कौन है — जो अंदर बैठकर सब “सेट” कर देता है?
क्यों पंचायत के रजिस्टरों में स्याही तो है, पर हक़ की कहानी नहीं? क्यों विकास की फाइलें दफ्तरों में चमकती हैं, पर गाँव की गलियाँ अब भी अंधेरी हैं? क्यों हर साल करोड़ों निकलते हैं, और हर साल गरीब और गरीब हो जाता है? क्यों जनप्रतिनिधि चुप हैं? क्यों अधिकारी मौन हैं? और क्यों जनता अब भी उम्मीदों के बोझ तले दबकर चुपचाप देख रही है?
यह सिर्फ एक पंचायत की कहानी नहीं — यह जनता के हक़ पर डाका डालने की पूरी पटकथा है!
अब Stringer24News की जांच टीम पहुँची है इस रहस्य की तह तक — दस्तावेज़ खुलेंगे, नाम सामने आएँगे, और हर बिल का हिसाब जनता के सामने रखा जाएगा। क्योंकि सवाल अब यही है — सरकारी राशि जनता के लिए है या “कुछ खास जेबों” के लिए?
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