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*बदलने लगे हैं विवाह के मायने?:महिलाओं के विभिन्न मत!"

देखिए जितना जटिल यह सवाल है उससे भी पेचीदा इसका जवाब हो सकता है। पिछले दिनों के कुछ मुख्य घटनाक्रम के बाद हमने इस विषय पर अनेक महिला समूहों से बात की और जानना चाहा कि, आखिर वे इस विषय पर क्या सोचती है? मामले को लेकर महिलाओं के विभिन्न मत सामने आए।

प्रस्तुत है वार्ता के मुख्य अंश।

[निजता और गोपनीयता नीति नियमों के तहत महिलाओ के नाम और स्थान को परिवर्तित कर दिया गया है।]

क्या शादीशुदा औरत को प्यार करने का हक नहीं है? के जवाब में कामकाजी महिला 32 वर्षीय रत्ना कहती हैं कि, आज संविधान ने महिलाओं को आजादी दी है।अगर एक पुरुष शादी के बाद किसी अन्य स्त्री से संबंध रख सकता है तो फिर कोई औरत क्यों नहीं? रत्ना आगे कहती हैं कि,पति अपनी लाइफ जीने के लिए आजाद है,बच्चे अपनी लाइफ जीना चाहते हैं तो क्या एक औरत अपनी जिंदगी अपनी इच्छा से नहीं जी सकती है?

वहीं 40 वर्षीय विनीता एक स्थानीय नर्स हैं,कहती हैं कि, जब एक औरत को घर में प्यार ना मिले,उसका सम्मान न किया जाए और उसे सिर्फ घर का काम करने वाली मान लिया जाए तो कोई भी औरत ऐसे माहौल में घुटन भरी जिंदगी के बीच खुश नही रह सकती और यदि ऐसे में वह कोई दोस्त बनाती है या किसी से प्यार करती है तो इसमें गलत क्या है?क्या उसे घुट घुट कर ही मर जाना चाहिए?

28 वर्षीय रजनी कहती हैं कि मेरे पति के पास मेरे लिए समय नहीं है, बच्चों की जिम्मेदारी मुझे ही उठानी पड़ती है, घर के काम भी मुझे देखने होते हैं लेकिन इसका मतलब यह तो नही की मुझमें फीलिंग्स नहीं है।

24 वर्षीय प्रिया(बूटिक संचालक) से बात करने पर उन्होने कहा कि आज यह नैतिकता के विरुद्ध जरूर लगता है लेकिन क्या यही बात पुरुषों पर लागू नहीं होती? पुरूष शादी के बाद भी गर्ल फ्रेंड रखे तो लोगों को समस्या नहीं होती लेकिन जब कोई औरत प्यार या दोस्ती की बात करती है तो लोग उसे ना जाने क्या क्या कहने लगते हैं। यह समाज का दोगलापन है।

37 वर्षीय संगीता (स्थानीय फर्म में अकाउंटेंट) का कहना है कि मेरे पति की पहली पत्नी गांव में रहती है और मैं यहां शहर में। मेरी शादी के समय यह बात छिपाई गई थी,आज मेरे दो बच्चे हैं।पति सप्ताह में दो तीन दिन गांव जाते हैं। मैं अपने परिवार के प्रति अपनी जिम्मेदारी आज भी निभा रही हूं लेकिन इसका यह मतलब तो नहीं की मुझे प्यार की जरूरत नहीं है। मैं भी आखिर इंसान हूं, मेरी भी अपनी भावनाएं हैं,इच्छाएं है, मैं कोई पिंजरे में कैद पक्षी तो नही हूं।

43 वर्षीय संजना की कहानी भी इन महिलाओ से अलग नहीं है।संजना के पति पेशे से ट्रक ड्राइवर हैं। शादी के इतने समय बाद भी दोनो की कोई संतान नहीं है, पति शराब और गलत औरतों की संगत करता है।पिछले साल जब संजना ने अपने पति को रंगे हाथों पकड़ा तो उसकी जिंदगी में भूचाल आ गया। उस घटना के बाद से पति मारपीट भी करने लगा। इस बीच कलह से तंग आकर संजना ने आत्महत्या की कोशिश भी की हालाकि समय रहते उसे बचा लिया गया। लम्बे समय तक संजना डिप्रेशन का शिकार रहीं। संजना के चेहरे पर उदासी और खामोशी साफ़ दिखाई दे रही थी।

22 वर्षीय मधु का कहना है कि,सेक्स के लिए सहमति और किसी से रिश्ता बनाने के फ़ैसले के मेरे अधिकार से मैं वाकिफ हूं, इसके लिए मुझ पर कोई दबाव नहीं बना सकता है फिर चाहे वो कोई भी हो।

जारी : 

बदलाव के इस दौर में परिवार,शादी और प्यार को लेकर लोगों का नजरिया बदलने लगा है।आज विवाह के मायने भी बदलने लगे हैं।

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