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डिजिटल मीडिया पत्रकारों के अधिकार और वैधता

रिपोर्ट: स्ट्रिंगर24 न्यूज़ विशेष

आज पत्रकारिता का स्वरूप बदल चुका है। अख़बार और टीवी चैनलों की सीमा से परे, डिजिटल मीडिया ने लोकतंत्र के चौथे स्तंभ को नया रूप दिया है। न्यूज़ पोर्टल्स, ऑनलाइन चैनल्स और वेब मीडिया संस्थाएँ अब सीधे जनता तक समाचार पहुँचाने में सक्षम हैं। सवाल उठता है कि क्या ये संस्थाएँ पत्रकारों को नियुक्त कर सकती हैं और उन्हें पहचान-पत्र (ID) दे सकती हैं। उत्तर है — हाँ, निश्चित शर्तों के साथ।


⚖️ कानूनी पृष्ठभूमि और शासन की मान्यता

भारत सरकार ने 25 फरवरी 2021 को Information Technology (Intermediary Guidelines and Digital Media Ethics Code) Rules, 2021 लागू किए। इन नियमों ने डिजिटल न्यूज़ पब्लिशर्स को औपचारिक रूप से “Publisher of News and Current Affairs Content” के रूप में मान्यता दी। अब वे प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया के Norms of Journalistic Conduct का पालन करने वाले वैध पत्रकारिता संगठन हैं।

IT Rules 2021 ने डिजिटल मीडिया को तीन-स्तरीय शिकायत निवारण प्रणाली बनाने का अधिकार दिया है। यह उन्हें कानूनी रूप से समाचार प्रकाशक का दर्जा देता है और अपने पत्रकारों के लिए पहचान-पत्र जारी करने का अधिकार भी प्रदान करता है।


📜 पत्रकारों की नियुक्ति और पहचान-पत्र

डिजिटल मीडिया संस्थान (न्यूज़ पोर्टल/वेब चैनल) अपने पत्रकारों, संवाददाताओं और संपादकों की वैधानिक नियुक्ति कर सकते हैं। नियुक्ति के आधार पर, संस्था अपने पत्रकारों को “Digital Media Journalist Identity Card” जारी कर सकती है। इसमें संस्था का नाम, पंजीकरण संख्या, पद, नियुक्ति तिथि और अधिकृत हस्ताक्षर होते हैं।

यह पहचान-पत्र संगठन-स्तरीय वैधता देता है, लेकिन इसे सरकारी प्रेस आईडी के समान नहीं माना जाता। सरकारी कार्यक्रमों, प्रेस गैलरी या अन्य विशेषाधिकारों के लिए मान्यता प्राप्त सरकारी प्रेस कार्ड की आवश्यकता होती है।


🧾 डिजिटल मीडिया के अधिकार और सीमाएँ

🔹 अधिकार 🔸 सीमाएँ
• पत्रकारों की वैधानिक नियुक्ति।

• डिजिटल जर्नलिस्ट पहचान-पत्र जारी करना।

• IT Rules 2021 के तहत समाचार प्रकाशक के रूप में मान्यता।

• प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया के आचार-संहिता का पालन।

• प्रशिक्षण, कवरेज पास और संस्थागत प्रमाणन प्रणाली बनाने का अधिकार।
• कार्ड सरकारी प्रेस आईडी के समान नहीं।

• सरकारी कार्यक्रमों/प्रेस गैलरी के लिए अतिरिक्त मान्यता आवश्यक।

• केवल संस्था-स्तरीय पहचान, शासन-स्तरीय अधिकार नहीं।

• गलत या अनपंजीकृत मीडिया कार्ड जारी करना दंडनीय।

• कार्ड का उपयोग केवल समाचार कार्यों की वैध पहचान के लिए।

📢 डिजिटल पत्रकारों के हित में

डिजिटल मीडिया आज ग्रामीण से लेकर शहरी इलाकों तक लोगों तक समाचार पहुँचाने में सक्षम है। पत्रकारों को पहचान-पत्र और अधिकार प्रदान करने से उनकी सुरक्षा, सम्मान और स्वतंत्र रिपोर्टिंग सुनिश्चित होती है।

यह उनके संवैधानिक अधिकार — अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता (Article 19(1)(a)) के विस्तार के समान है। इस अधिकार के बिना स्वतंत्र डिजिटल पत्रकारिता अधूरी रह जाएगी।

अशिक्षा और जागरूकता के अभाव के कारण कई लोग डिजिटल मीडिया को सही से नहीं समझते और न ही उनके लिए बनाए गए नियम और कानूनों से वाकिफ हैं। इसी कारण कई बार भ्रामक खबरें फैलती हैं और डिजिटल पत्रकारों की वैध भूमिका समझ में नहीं आती। समय की जरूरत है कि डिजिटल मीडिया और उसके पत्रकारों के अधिकारों को सही पहचान और सम्मान मिले।


“डिजिटल मीडिया पत्रकार लोकतंत्र की नई आवाज़ हैं।”
IT Rules 2021 ने उन्हें कानूनी पहचान दी है। अब हर पंजीकृत डिजिटल पोर्टल अपने पत्रकारों को नियुक्त कर सकता है और डिजिटल मीडिया जर्नलिस्ट पहचान-पत्र जारी करने का अधिकार रखता है।

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डिजिटल पत्रकारिता के हित और अधिकार की सशक्त आवाज़

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