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विशेष रिपोर्ट

क्यों जरूरी है याद करना सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती


आरएसएस-भाजपा द्वारा स्वतंत्रता संघर्ष के प्रतीक गांधी जैसे सरदार पटेल को हड़पने की कोशिश

सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती इसलिए याद रखने योग्य है क्योंकि उन्होंने स्वतंत्रता आंदोलन में अपनी महती भूमिका निभाई। इसके विपरीत, आरएसएस अंग्रेजों की मुखबिरी के साथ उनके हथियार के रूप में हिंदू-मुस्लिम जैसे अलगाववादी रूप लिए, और अंग्रेजों की “फूट डालो, राज करो” की नीति के औजार के रूप में स्वतंत्रता आंदोलन के खिलाफ रही।

स्वतंत्र भारत के प्रथम गृहमंत्री रहते हुए सरदार पटेल ने गांधी जी की हत्या के बाद 4 फरवरी 1948 को एक सरकारी विज्ञप्ति जारी कर आरएसएस पर प्रतिबंध लगाया था, जिसमें कहा गया था —

“संघ आपत्तिजनक तथा नुकसानदेह गतिविधियां बेरोक जारी है और संघ द्वारा प्रायोजित तथा उसकी गतिविधियों से प्रेरित हिंसा के पंथ ने बहुतों की बलि ली है, जिसमें ताजातरीन और सबसे मूल्यवान बलि खुद गांधी जी की ली है।”

आज गांधी के हत्यारे गांधी को पूज रहे हैं

आगे चलकर 14 नवंबर 1948 को सरदार पटेल के गृह मंत्रालय ने आरएसएस प्रमुख गोलवलकर के साथ हुई बातचीत के संबंध में एक प्रेस नोट जारी किया, जिसमें दर्ज किया गया था कि —

“बहरहाल आरएसएस नेताओं की कथनियां उसके अनुयायियों के व्यवहार से बिल्कुल मेल नहीं खाती हैं।”

इसीलिए सरदार पटेल ने आरएसएस पर लगी पाबंदी हटाने से इनकार कर दिया था। इसके बाद गोलवलकर की एक और मुलाकात की प्रार्थना को भी सरदार पटेल ने ठुकरा दिया और उन्हें नागपुर लौट जाने को कहा।

इसके पश्चात 11 जुलाई 1949 को ही जाकर आरएसएस पर लगा प्रतिबंध हटाया गया — और वह भी तब जबकि उसने सरकार द्वारा लगाई गई सभी शर्तें स्वीकार कर लीं।

“आरएसएस खुद को केवल एक सामाजिक-सांस्कृतिक संगठन तक सीमित रखेगा, गोपनीयता का त्याग करेगा तथा हिंसा छोड़ेगा।”

आज वही लोग — वे सरदार वल्लभभाई पटेल, जिन्होंने आरएसएस पर पाबंदी लगाई थी, और वे गांधी, जिनके वे हत्यारे हैं — उनकी पूजा करके अपने प्रतीक के रूप में प्रदर्शित करने का कुत्सित प्रयास कर रहे हैं।

सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती पर यह भी याद किया जाना चाहिए कि देशभक्ति के प्रतीक इस नेता को आज उन लोगों से जोड़ने का प्रयास हो रहा है जिन्होंने कभी देश के साथ गद्दारी की थी।

सरदार पटेल वास्तव में एकता के प्रतीक के रूप में जाने जाते हैं।


जगदीश पटेल
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