गन्ना उत्पादक किसान भी शामिल होंगे 27 अक्टूबर को भोपाल प्रदर्शन में
सालीचौका-गाडरवारा | Stringer24 रिपोर्ट
(सांकेतिक चित्र - किसान आंदोलन)
अखिल भारतीय गन्ना उत्पादक किसान महासंघ के केन्द्रीय कार्यकारिणी सदस्य जगदीश पटेल एवं मध्य प्रदेश गन्ना उत्पादक किसान महासंघ के प्रदेश संयोजक मुरारीलाल धाकड़ ने विज्ञप्ति जारी कर बताया कि मध्य प्रदेश संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर 27 अक्टूबर को राजधानी भोपाल में होने वाले विशाल प्रदर्शन में गन्ना उत्पादक किसान महासंघ भी सक्रिय रूप से शामिल होगा।
“यह प्रदर्शन मुख्यमंत्री तक गन्ना किसानों की समस्याएं पहुँचाने और नीति सुधार की मांगों के लिए आयोजित किया गया है।”
मुरैना जिले के कैलारस शक्कर कारखाना बचाओ संघर्ष समिति के संयोजक एवं किसान सभा के प्रदेश अध्यक्ष अशोक तिवारी के नेतृत्व में किसान कारखाने की नीलामी रोकने और पुनः संचालन की मांग को लेकर भी आंदोलन में शामिल होंगे।
मुख्य मांगें और मुद्दे
- एमएसपी की कानूनी गारंटी
- मूंग उत्पादक किसानों का शेष भुगतान
- स्मार्ट मीटर लगाने पर रोक
- भूमि अधिग्रहण (लैंड पुलिंग) बिल वापसी
- कर्ज मुक्ति एवं आदिवासियों की जमीन से बेदखली रोकना
- दिन में 12 घंटे पर्याप्त बिजली उपलब्ध कराना
- खाद की पर्याप्त व्यवस्था
- गन्ना किसानों के बकाया भुगतान और उचित दाम सुनिश्चित करना
महासंघ ने कहा कि मध्य प्रदेश गन्ना उत्पादन में अग्रणी है, फिर भी किसानों को वर्षों से उचित मूल्य नहीं मिल रहा। सरकार रिकवरी के आधार पर रेट तय करती है, जो अब 10.50 रिकवरी पर आधारित है, जबकि 1953 की धारा (20)1 के अनुसार यह 9.25 रिकवरी पर तय होना चाहिए था। इस बदलाव से मिल मालिकों को मुनाफा और किसानों को घाटा हो रहा है।
न्याय और नीति की उपेक्षा
सरकार ने किसानों की लूट रोकने या बकाया भुगतान कराने कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। नरसिंहपुर जिले के किसान आंदोलन व न्यायालय जाने के बाद भी राहत से वंचित हैं। मंत्री एदल सिंह कंसाना से लेकर उच्चाधिकारियों तक ज्ञापन दिए गए, पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
आर आर एग्रो खांडसारी मिल और फर्जी चतुर्भुज कंपनी द्वारा किसानों के करोड़ों रुपये डकार लिए गए, गिरफ्तारी आदेश होने के बावजूद किसानों को अब तक न्याय नहीं मिला है। सत्ता और रसूख के आगे किसान आज भी लुटा और असहाय है।
अन्य प्रमुख माँगें
- हरियाणा की तरह ₹60 प्रति क्विंटल अतिरिक्त एसएपी रेट दिया जाए।
- 1953 की धारा (20)1 के तहत 9.25 रिकवरी आधार पर दर तय हो।
- न्यूनतम ₹550 प्रति क्विंटल गन्ने का दाम मिले।
- शक्ति शुगर मिल कौडिया द्वारा वायदा अनुसार ₹20 प्रति क्विंटल का भुगतान किया जाए।
- राज्य में बंद सहकारी मिलों को पुनः चालू किया जाए।
- गन्ना अनुसंधान केंद्र बोहानी, नरसिंहपुर में रिकवरी जांच की व्यवस्था हो।
- मिलो के अलावा अलग कांटे लगाए जाएं ताकि घटतौली रुके।
- A2+FL पारिवारिक श्रम को जोड़कर गन्ने का भाव तय किया जाए।
- सबलगढ़ शक्कर कारखाने की नीलामी रद्द कर पुनः संचालन किया जाए।
- मध्य प्रदेश में सहकारी शुगर मिल की नई स्थापना की जाए।
“प्रदेश का लगभग 65% गन्ना नरसिंहपुर जिले में होता है, इसलिए यहां सहकारी शुगर मिल की स्थापना अत्यावश्यक है।”
महासंघ ने प्रदेश के सभी गन्ना किसानों से अपील की है कि 27 अक्टूबर को मध्य प्रदेश संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर राजधानी में होने वाले आंदोलन में अधिक से अधिक संख्या में शामिल होकर अपनी आवाज मुख्यमंत्री मोहन यादव तक पहुंचाएं।
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