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*सरपंच पूजा फर्जी बिल और कूट रचित दस्तावेज का क्या है मामला?: सचिव की भूमिका?*

ग्राम पंचायत बेदू:गोटेगांव:नरसिंहपुर

बेदू में विकास तो हुआ है! ग्रामीण कहते हैं कि,आखिर यह किसका विकास हुआ है? क्यों की सरपंच तो महज रबर स्टांप की तरह काम कर रही थी! पंचायत में फिर फर्जी बिल कौन लगा रहा था? किसके इशारे पर चल रहा था गबन का खेल?

सचिव मेरसिंह और सरपंच पूजा की संदिग्ध कार्यशैली की वजह से अनेकों सवाल उठ रहे हैं!दरअसल सचिव नियमों की अनदेखी कर मनमाने तरीके से काम कर रहे थे, और इसका प्रत्यक्ष लाभ भ्रष्टाचारियों के खाते में जा रहा था! ग्रामीण आज भी बदतर हालात में रहने के लिए मजबूर हैं!

ग्रामीणों की माने तो फर्जी बिल और कूट रचित दस्तावेज के खेल में सरपंच पूजा और सचिव मेरसिंह के साथ ही जनपद अधिकारियों की मिलीभगत से फर्जीवाड़े का यह खेल चल रहा है!

रंग रोगन और कुछ निर्माण कार्यों के जरिए विकास की बदली हुई तस्वीर दिखाने की कोशिश तो की गई है लेकिन क्या यह आंकड़ों की तस्वीर धरातलीय सच्चाई से मेल खाती भी है या नहीं।

हमारी यह विवेचना कुछ बड़ी हो सकती है लेकिन इसके संक्षेप में आम जनता तक पहुंचाने का मतलब होता की आम जनता के साथ इंसाफ नहीं किया गया,जबकि यह लोगों को जानने का हक है,कि आज नरसिंहपुर जिले के विकास पथ पर बेदू कहां है?

विगत वर्ष 2021 एवम 2022 में पंचायत की कार्यशैली लगातार विवादों में घिरी रही।यदि गांव के वर्ष 2021 एवम 2022 से वर्ष 2024 के कार्यकाल की बात करें तो,यह असंतोष जनक ही कहा जाएगा।

विगत दो वर्षों में गांव में कोई खास बदलाव नहीं दिखाई दिया,बल्की इसके विपरित तब ग्राम पंचायत से भ्रष्टाचार की खबरें लगातार मिल रही थी।

*वैसे तो गबन ,घोटाले और हेर फेर में ग्राम पंचायत बेदू का नाम पहली बार खबर में नही आ रहा है।इसके पूर्व भी वर्ष 2021 में जिला कलेक्टर रोहित सिंह के कार्यकाल में बेदू ग्राम पंचायत में मनरेगा योजना में जमकर भ्रष्टाचार किया गया था तब तत्कालीन कलेक्टर द्वारा जांच के आदेश भी जारी किए गए थे,और विभागीय अमले द्वारा जांच की खानापूर्ति भी की गई और मामले की सच्चाई को फाइलों में दफन कर दिया गया था।*

हाल ही में जो मामला सामने आ रहा है वह बेहद ही गंभीर है! फर्जी दस्तावेजों के जरिए शासन और प्रशासन के नियम कायदों का खुलकर उपहास उड़ाया जा रहा है!

जारी:

आखिर कैसे बनते हैं फर्जी दस्तावेज? बेदू पंचायत की इसमें क्या भूमिका है? सरपंच और सचिव क्या फर्जी दस्तावेजों के जरिए इस तरह विकास करेंगे?आखिर क्या है पूरा मामला, , 


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