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*मंहगाई की हवस का शिकार?* :*ऐसी गरीबी की तन पर कपड़े भी नहीं* : *दाल के भाव भी दमघोंटू!*

निम्न मध्यमवर्गीय,मजदूर वर्ग देश में भोजन से सबसे अधिक वंचित हैं। समाचार सेवा प्रदाता कंपनी द्वारा किए गए एक सर्वे में पाया गया कि ग्रामीण परिवारों के लगभग एक फीसदी लोागों को पूरे साल पर्याप्त भेजन नहीं मिलता। आज भी अनेकों लोग दो जून की रोटी के लिए तरस रहे हैं। जब कभी भूख से इंसानों की मृत्यु की खबर सुर्खियां में होती है, तब सवाल उठना चाहिए कि, क्या सरकार के साथ समाज भी कहीं ना कहीं इसके लिए जिम्मेदार हैं या नहीं?या फिर मानवीय संवेदनाएं पूरी तरह से समाप्त हो गई हैं!

लोग आज भी भूख से मर रहे हैं, क्योंकि बेरोजगारी और गरीबी की समस्या आज भी जस की तस बनी हुई है। जब अनाज, किराना ही लोग नहीं खरीद पाते तो फल-सब्जी की सोचा भी कैसे जा सकता है!

इंसानियत और सभ्य समाज को झकझोरकर रख देने वाली यह रिपोर्ट बताती है कि,आज भी तकरीबन दस फीसदी से अधिक लोग एक समय भोजन करके गुजारा कर रहे हैं।

पूंजीपति वर्ग के रहन-सहन और जीवनयापन के स्तर में बदलाव हो रहा है। कोरोना के बाद भी यह तबका पहले की अपेक्षा अधिक सुख-सुविधाओं के साथ जीवनयापन कर रहा है। वहीं, एक बड़ा वर्ग ऐसा भी है जिनको खाने को भरपेट भोजन भी नहीं मिल रहा है। भोजन के अभाव में कितने ही लोग भूखे पर सो रहे हैं और कितने ही लोग कुपोषण ,भूख से मर रहे हैं। 

खाने-पीने की चीज़ों से लेकर बुनियादी ज़रूरतों तक पर बेरोकटोक महँगाई है।ठेकेदार या मालिक बात-बात पर पैसे काट लेता है,लगभग एक तिहाई से लेकर आधी मज़दूरी मकान के किराये, बिजली, बस भाड़े आदि मे खर्च हो जाती है और बाकी बची कमाई से किसी तरह अपना और परिवार का पेट भरना पड़ता है!

आंकड़े इस बात की चीख चीख कर गवाही दे रहे हैं कि महंगाई लगातार बढ़ रही है और सरकार महंगाई को नियंत्रित करने में असफल रही है।बढ़ती महंगाई के कारण आम जनता की क्रय शक्ति घट रही है।

आम जनता को मिलने वाली बिजली की दरों में लगातार बढ़ोत्तरी और तरह-तरह के सरचार्ज से बिजली बेहद महंगी होती गई है। स्कूल व कॉलेज की फ़ीसें तेजी से बढ़ती जा रही हैं! तकनीकी और मेडिकल की पढ़ाई आम जनता की पहुँच से बहुत दूर चली गई है! और तो और, बैंकों में जमा पूंजी पर ब्याज दर एकदम कम कर दी गई है वहीं दूसरी ओर न्यूनतम बैलेंस के नाम पर कटौती, लेनदेन फीस, एसएमएस चार्ज सहित तरह-तरह के सरचार्ज लगाकर आम उपभोक्ता के जेब पर लगातार डकैती बढ़ गई है!

जारी :


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