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*जनता दहशत के साए में जी रही है?:नरसिंहपुर*

।। विवेचना।।

अब आपसे क्या छिपाना,वैसे भी ये पब्लिक है सब जानती है!ये और बात है कि,कई बार जानने के बाद भी कहां मानती है!खैर आपसी शिकवे गिले फिर कभी!अभी तो बात शहर की करते हैं! शहर तो शहर है,क्या तुम्हारा शहर और क्या हमारा शहर!सिर्फ इन शहरी सरहदों का फासला ही तो है!

आपकी बातों में फिर कहीं उलझ न जाएं तो ,सुना है कि, हे भगवान इस शहर में यह सब भी होता है!

सट्टा, जुआ, गांजा, भांग, पाउडर,वेश्यावृत्ति, काला बाजारी, मिलावट खोरी, चोरी, हत्या, गुंडई, छेड़छाड़, बलात्कार, शोषण, उत्पीड़न, रिश्वतखोरी, जमाखोरी, भ्रष्टाचार, तस्करी(रेत, सागौन, शराब)  तो सर्वव्यापी है!

इन खबरों को मामलों को देखकर भी कोई आश्चर्य हो सकता है क्या? आप भी तो यही कहेंगे!ये कौन सी नई बात है? ये तो हर जगह ही होता है! आज भी अगर आप नहीं जागे तो अगला नंबर आपका हो सकता है!

गाडरवारा हो या गोटेगांव,करेली हो या फिर चांवरपाठा, हत्या और जघन्य मारपीट की घटनाएं अक्सर सामने आती रहती हैं! क्या जिले में कानून व्यवस्था को लेकर गंभीरता नहीं बरती जा रही है? आए दिन हत्या जैसे अपराध को जिले के विभिन्न हिस्सों में खुलेआम अंजाम दिया जा रहा है!क्या इसे सुशासन कहा जा सकता है?

 क्षेत्र के अपराधियों के हौसले बुलंद हो गए हैं? साथ ही इनमें पुलिस का भय भी लगभग समाप्त हो गया है? ग्रामीण अंचलीय अधिकांश थाना क्षेत्र में चोरी, लूटपाट, छेड़छाड़, मारपीट आदि अपराधों सहित जुआ-सट्टा व अवैध शराब का कारोबार लगातार बढ़ता जा रहा है!

बढ़ते अपराध का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि आए दिन अपराधी बेखौफ होकर वारदातों को अंजाम दे रहे हैं और जनता दहशत के साए में जी रही है!

महिलाओं और लड़कियों के साथ छेड़छाड़, लूटपाट, चोरी और हत्या के मामलों का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है?पिछले कुछ महीनों में जिले में ऐसी कई घटनाएं हुई, जो सुर्खियां बन गई थीं?चाहकर भी पुलिस प्रशासन इन अपराधों पर रोक लगाने में असफल रही है?

पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं। शासन का कहना है कि पुलिस ऐसे मामलों में कोई रियायत नहीं बरतेगा और अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।




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