जिला प्रशासन ने हाल ही में सीएम हेल्पलाइन प्रकरणों के निराकरण को लेकर सख्त आदेश जारी किए। जिला कलेक्टर रजनी सिंह ने साफ कहा था — शिकायतें तय समय सीमा में निपटनी चाहिए, लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी। लेकिन हकीकत में हुआ क्या?
आदेश जारी हुए... पर असर? — कागज से बाहर नहीं निकला। अधीनस्थ कर्मचारी अब भी अपने पुराने ढर्रे पर हैं, और जनता की शिकायतें फिर भी वहीं की वहीं हैं।
स्थिति इतनी चिंताजनक है कि अब लोग खुलकर कलेक्टर के आधिकारिक सोशल मीडिया पेज पर ही नाराज़गी जता रहे हैं। हाल के एक पोस्ट पर कई यूजर्स ने कड़े सवाल दागे —
🟥 जनता के सवाल बनाम प्रशासन की चुप्पी 🟥
- “सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत करने पर अधिकारी दबाव डालते हैं कि शिकायत बंद करा दो, वरना समाधान नहीं होगा।”
- “ग्राम पंचायतों के सरकारी मैदानों पर अवैध कब्जे हैं, लेकिन प्रशासन आंख मूंदे बैठा है।”
- “सिर्फ आदेश भर से काम नहीं होता, मॉनिटरिंग और कार्रवाई जरूरी है, वरना ऐसे आदेश तो तकियाकलाम बन चुके हैं।”
— ये वही आवाज़ें हैं जो अब सीधे कलेक्टर पेज पर सवाल पूछ रही हैं
यानी जनता अब खुलकर पूछ रही है — क्या कलेक्टर के आदेशों की जमीन पर कोई ताकत बाकी है? या फिर प्रशासन अब केवल ‘फेसबुक और फाइलों’ में ही काम कर रहा है?
सवाल तीखे हैं — आदेश कागज पर, जनता गुस्से में, और अधिकारी बेफिक्र। आखिर जवाब कौन देगा?
✍️ रिपोर्ट: Stringer24News | नरसिंहपुर
 
