सबहेड: नरसिंहपुर, लिंगा और बचई के झोलाछाप डॉक्टर नियमों का उल्लंघन कर मरीजों की जान को जोखिम में डाल रहे हैं; प्रशासन मौन।
: चिकित्सा का वेश पहनकर बैठे ये झोलाछाप प्रैक्टिशनर्स अब गाँवों में खुलेआम इंजेक्शन, खतरनाक ड्रिप, गलत दवाइयाँ और ऑपरेशन‑जैसे व्यवहार कर रहे हैं — न लाइसेंस, न काउंसलिंग, और न ही कोई जवाबदेही। इस मामले में नरसिंहपुर में डॉ. गोप, लिंगा में डॉ. सोमेश, बचई में डॉ. कृपा विश्वास और नरसिंहपुर में ए. के. विश्वास बरसों से अपने पैर जमाए बैठे हैं और अपनी अनुचित चिकित्सा शैली और विज्ञापनों द्वारा मरीजों को गुमराह कर नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं। बीते छह महीनों में कम से कम दर्जनों केस रिपोर्ट हुए हैं जहाँ मरीजों की बिगड़ी हालत और दो-तीन मौतें इनकी लापरवाही से जुड़ी हैं।
रिपोर्ट:
- व्याप्ति और तरीका: झोलाछाप प्रैक्टिशनर्स छोटे क्लीनिक, किराए पर बने कमरे या मोबाइल टेबल के साथ इलाज करते हैं। इनके हथियार: अनावश्यक इंजेक्शन, एंटीबायोटिक ओवरडोज़, बिना जांच के गंभीर संचालन, और नकली दवाइयाँ।
- प्रभाव: बुखार/इंफेक्शन मामलों में सही टेस्ट न किए जाने से संक्रमण बढ़ता है; गलत इंजेक्शन/सर्जरी से गंभीर स्वास्थ्य नुकसान।
- चिन्ताजनक घटनाएँ: एक ग्रामीण क्लिनिक में बिना एनेस्थीसिया ऑपरेशन, स्टेरिलाइजेशन की कमी; कई जगह मेडिकल किट बार-बार उपयोग।
- क्यों परेशान हैं: लाइसेंस का सत्यापन नहीं, सरकार और स्वास्थ्य केंद्रों की निगरानी कमजोर, स्वास्थ्य सचेतना की कमी का शोषण।
कानूनी और प्रशासनिक स्थिति:
झोलाछाप प्रैक्टिशनर्स के खिलाफ दंडनीय प्रावधान हैं, पर प्रवर्तन दुर्बल है। कई बार शिकायतें दर्ज करवा कर भी कार्रवाई शून्य रहती है।
ऑफिशियल जवाबदेही की माँग:
- उल्लंघनकर्ताओं (डॉ. गोप, डॉ. सोमेश, डॉ. कृपा विश्वास, ए. के. विश्वास) के खिलाफ तत्काल छापेमारी और निलंबन।
- प्रभावित मरीजों के लिए मुआवजा और सुरक्षित इलाज।
- गांव-स्तरीय स्वास्थ्य जागरूकता अभियान और हेल्पलाइन नंबर।
सुझाव: यदि आपके क्षेत्र में अन्य झोलाछाप प्रैक्टिशनर हैं, तस्वीर/विवरण भेजें — Stringer24 News मामले की जाँच करेगा और उच्च अधिकारियों से जवाब माँगेगा।
नोट: यह रिपोर्ट किसी समुदाय को निशाना नहीं बनाती। उद्देश्य सार्वजनिक सुरक्षा और स्वास्थ्य मानकों की रक्षा है।
