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*विश्व हिंदी दिवस पर चाय पर चर्चा पाठकों के साथ!*

आज विश्व हिंदी दिवस है।

हिंदी सिर्फ एक भाषा नहीं, यह हमारी संस्कृति और परंपराओं का प्रतीक है। हिंदी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं!

चालीस लाख पाठकों का यह एक समाज है! आप सब ने मुझे बेहद प्रेम दिया,सम्मान दिया और वह सब कुछ दिया जिसकी मैं कभी कल्पना नहीं कर सकता था!आप सभी से यह रिश्ता लेखक और पाठक के तौर पर बना था!

पिछले चालीस वर्षों से नरसिंहपुर मेरी कर्मभूमि है!चूंकि पत्रकारिता से जुड़ाव था इसलिए जिले के अधिकांश भौगोलिक क्षेत्रों के भ्रमण का मौका भी मिला!इस दौरान क्षेत्रीय लोगों से भी मुलाकात हुई और यह प्रारंभिक परिचय समय के साथ एक मजबूत रिश्ते में परिवर्तित हो गया!

नरसिंहपुर जिले में 6 जनपद हैं,450 ग्राम पंचायत हैं और 1052 गांव हैं। आप इसे मात्र एक शहर के नजरिए से देखते रहें हैं तो आप नहीं जानते कि,कुदरत ने नरसिंहपुर पर किस तरह अपने सौंदर्य की वर्षा की है!सतपुड़ा पर्वत श्रृंखला हो या फिर पवित्र नर्मदा तट कुदरत ने खूबसूरती के रंग भरने में कोई कोताही नहीं की!

इतिहास के पन्नों पर नरसिंहपुर अपना विशेष ऐतिहासिक महत्व रखता है!आज 2025 में नरसिंहपुर विकास पथ पर अग्रसर है!

हालाकि इस बदलाव में बहुत कुछ खो गया ऐसा महसूस होता है! जैसे नरसिंहपुर की स्थानीय बोली का चलन अब घट गया है, पारंपरिक वेशभूषा के स्थान पर अब आधुनिक ज्वेलरी दिखाई देती है! हालाकि बदलाव की यह नई तस्वीर है,जिसे समय के साथ स्वीकार किया जाना चाहिए, किंतु अपनी जड़ों से अपनी संस्कृति से दूर होने से बचना चाहिए!

"मैं नरसिंहपुर बोल रहा हूं!" पुस्तक आप सभी को समर्पित हैं, आप पाठकों को समर्पित है और इस समाज को समर्पित है!पुस्तक का ध्येय आय अर्जित करना नहीं है,इसलिए पुस्तक बेहद ही कम बिक्री मूल्य पर बाजार में उपलब्ध रहेगी!



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