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*ग्राम पंचायत 76वे गणतंत्र दिवस पर तरस रही विकास को?: ग्रामीण ढो रहे कागजी आंकड़ों के विकास की लाश को?:नरसिंहपुर*

देश अपना 76वां गणतंत्र दिवस 26 जनवरी, 2025 को मनाने जा रहा है।नरसिंहपुर जिले की ग्राम पंचायतों में आखिर इन 76 सालों में कितने बदलाव देखे और फिलहाल आज किस तरह के हालात ग्राम पंचायतों में हैं?

आज नरसिंहपुर जिले की अधिकतर ग्राम पंचायतों में हालात बदतर हैं! महिला सरपंच सिर्फ नाम के लिए हैं,सरपंच की कुर्सी पर महिलाएं तो दिखाई ही नहीं देती! हां यह अवश्य संभव है कि स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस पर महिला सरपंच द्वारा ध्वजारोहण करवा कर महिला सशक्तिकरण को जिन्दा दिखाए जाने के भरसक प्रयास किए जाते हैं किंतु जब वही माहिया सरपंच अगले दिन कार्यालयीन समय पर पंचायत भवन में कुर्सी पर बैठकर अपने पद को सम्हालने के स्थान पर चूल्हा चौका करती हुईं नजर आती हैं और पति कुर्सी सम्हालते हुए नजर आते हैं! तब ऐसे समय महिला सशक्तिकरण की अवधारणा पर क्या ही कहा जा सकता है?

शासन की मंशा का खुलेआम उपहास उड़ाने में ग्राम पंचायतों ने कोई कसर नहीं छोड़ी!कभी मृतकों के नाम पर घोटाला तो कभी कागजी तलब और कभी कागज पर ही नाली,सड़क और प्रधानमंत्री आवास! धरातल पर आज भी योजनाओं का क्रियान्वयन सुचारू नहीं है! बुनियादी सुविधाओं का अभाव से आज भी ग्रामीण जनता जूझ रही है!

स्कूल,आंगनवाड़ी जर्जर हैं, कितने ही शौचालय उपयोग के योग्य ही नहीं बचे! खेल मैदान और मुक्तिधाम की जमीनों पर अतिक्रमण कर लिया गया! कभी कबड्डी मेट के नाम पर फर्जी बिल लगा दिए तो कभी बे हिसाब फोटोकॉपी कराने के नाम पर!अधिकारियों ने भी 10% के लालच में बिलों को पास करते जाना ही मुनासिब समझा!

गरीबों को सहारा देने वाली मनरेगा मजदूरी योजना के नाम पर पंचायतों में गबन आम बात हो गई है!कितने ही फर्जी जॉब कार्ड पंचायतों ने जारी भी किए,कुछ मामले सामने भी आए,लेकिन नतीजा ढाक के तीन पात, ,!

सरकारी राशन में भी जमकर घपले बाजियां सामने आती रही, कभी स्वर्ण तो कभी दबंग और कभी पंचायत में बैठे जिम्मेदार अधिकारियों की मिलीभगत से सरकार के पैसों और मंशा को पलीता लगाते रहे! आज भी ऐसे कितने ही धन्ना सेठ हैं जो गरीबी रेखा का राशन कार्ड बनवा कर मुफ्त में सरकारी माल उड़ा रहे हैं!

और आज यह हाल है कि, सरपंच यह कहते हैं कि, सारा सिस्टम ऊपर से ही ऐसा चल रहा है,हर बात का कमीशन तय है!जनपद के अधिकारी कहते हैं कि,यह आज की जरूरत है, सुविधा शुल्क है! जिला पंचायत अधिकारी कार्यवाही की बात तो करते हैं लेकिन अधिकांशतः यह कार्यवाहियां महज दिखावटी साबित होती है!

आज यदि गौर करें तो नरसिंहपुर में ऐसी फिलहाल एक भी ग्राम पंचायत नहीं है, जिसने अपने धरातलीय कार्यों,गांव के विकास और ग्राम सौंदर्यीकरण को लेकर राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाई हो! क्या वाकई यह असंभव है?क्या गांव को कभी भी खूबसूरत नहीं बनाया जा सकता है?ये कोई रॉकेट साइंस तो नहीं है!

लेकिन जब करोड़ों रुपए का गबन हो जाता हो और गांव के विकास की अनदेखी कर स्व विकास पर ध्यान केंद्रित किया जाता हो,तब धरातलीय आदर्श ग्राम पंचायत सिर्फ एक सपना है!

जारी :


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