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*इसलिए भ्रष्टाचारी भ्रष्टाचार करते हैं,ताकि आपके पास ना पैसा रहे ना समस्या!*

आम आदमी तो बस कमियों का रोना रोता रहता है,यह कभी देखता ही नहीं की विकास हो तो रहा है!देखा नही क्या?चलो तो आज शहर की गलियों में चलते हैं विकास देखने,नही तो फिर कहोगे,यह सब कब हो गया हमें पता ही नही!

अब देखो खेल भावना को कितना बढ़ावा दिया गया है,पहले एक दो जगह सट्टा खिलाया जाता था,अब तो शहर की अनेक गलियों में सट्टा खिलाया जा रहा है,ताकि कोई भी खिलाड़ी हीन भावना से ग्रस्त ना हो सके,यह ना कह सके की,हमें तो मौका ही नही मिला। अब कोई सट्टा अकेला खेल थोड़े ही है,जिसमें जनता अपना हुनर दिखा सके।जिसकी इच्छा हो वो जुए में भी अपनी प्रतिभा दिखा सकता है।शासन प्रशासन सबको मौका दे रहा है,आगे बढ़ने का?

इसके बावजूद भी अगर कोई पिछे रह जाए तो दुखी होने की जरूरत कहां है!गांजा पियो और खुलकर जियो। खुद ही कल्पना लोक की उड़ान लो,वैसे भी हवाई चप्पल से हवाई जहाज तक का सफर पूरा तो करना ही है! अब गांजा पीकर भी आपकी और आपके जेब की हवाईयां तो उड़ ही रही है!कुछ दिनों बाद आत्मा भी हवा में उड़ ही जायेगी,किसी बॉलीवुड हॉरर फिल्म की तरह!और जरूरी नही की हवा में उड़ने के लिए गांजा ही पियो!अवैध शराब से लेकर कच्ची शराब और पाउडर का इस्तेमाल भी कर सकते हो, शहर से लेकर गांवों तक इसकी कोई कमी है क्या?

फिर भी रोते रहते हो विकास नही हुआ,विकास नही हुआ!

अब विकास के लिए नदियों तक को नहीं छोड़ा है,सभी का ध्यान रखा है!नदियां रहेंगी तो बाढ़ आयेगी,लोगों को पुल और नावों की जरूरत पड़ेगी! अब यह टंटा ही खत्म करने की कोशिशें तेज कर दी गई हैं! ना रहेंगी नदियां, ना रहेगी समस्या!नदियों को रेत से ही खाली कर रहे हैं और जनता का काम आसान कर रहे हैं! ना बाढ़ का डर, ना नाव की चिंता! इसके लिए दिन रात ट्रैक्टर ट्रक और डम्फर दौड़ रहे हैं,नदियों से रेत को खाली करने के लिए!अरे भाई जब नदी में रेत नही रहेगी तो, ना पानी रहेगा ना जलीय जीव और ना कोई समस्या! रात अंधेरे रेत निकलकर लोगों को सहूलियत ही तो प्रदान की जा रही है!फिर भी किलपते रहते हैं,विकास नही हो रहा है!

अब यह मत कहने लगना की भ्रष्टाचार बहुत बढ़ गया है!भ्रष्टाचार भी आम जनता की सहूलियतों के लिए ही तो किया जाता है!गरीब की जेब में पैसा रहेगा तो,चोरी होने की चिंता बढ़ जाएगी,रिश्तों में पैसों के कारण दरार आ जायेगी,अपने अपनो के दुश्मन हो जाएंगे, बच्चों में नशे और संस्कृति से दूर जाने की प्रवृति बढ़ जाएगी!इसलिए भ्रष्टाचारी भ्रष्टाचार करते हैं,ताकि आपके पास ना पैसा रहे ना समस्या!भ्रष्टाचारी भी इस तरह लोगों की मदद ही तो कर रहे हैं!देखा नही पहले कभी कभी गबन और हेर फेर की घटनाएं सामने आती थी,अब तो हर दूसरे दिन कोई न कोई गबन सामने आता है,भ्रष्टाचार के मामले में विकास करने में भी अव्वल नंबर पर हैं।फिर दुखी होने की बात ही क्या है?

रिश्वत भी तो इसलिए ही ली जाती है,ताकि जनता की जेब का बोझ कुछ कम हो सके।अधिकारी रिश्वत लेकर जनता पर अहसान नही करते,यह तो उनका फर्ज है!जनता की मदद करना! अब मदद करने का यह उनका अपना तरीका हो सकता है, ना रहेगी जेब, ना रहेगा पैसा, ना रहेगा गरीब!इससे ज्यादा और कोई क्या मदद कर सकता है?

और आप लोग अभी तक अनजाने में रिश्वतखोर और भ्रष्टाचारियों को बेवजह कोसते रहे ,गालियां देते रहे!कभी कमीशन खोर,तो कभी हिटलर,कभी चोर,बिकाऊ और क्या क्या नहीं कहा आपने भ्रष्टाचारी और रिश्वत खोरों को?जबकि वह तो समाजसेवा ही कर रहे थे,बस आप ही समझ नही पाए!

बच्चों के रोजगार की चिंता भी क्यों करते हो? हर दिन कहते रहते हो,बेरोजगारी बढ़ रही है! रेत खनन में मजदूरी मिल जायेगी,सटोरिए बन सकते हैं, जुए की फड़ चला सकते हैं,गांजा,कच्ची शराब,अवैध शराब,पाउडर बेच सकते हैं!पकोड़े तलने की अपेक्षा इन कामों से ज्यादा कमाई हो जाएगी!

साफ सफाई की भी चिंता मत करो,वैसे भी ज्यादा जीकर क्या करोगे,रखा ही क्या है इस जीवन में?भूल गए की,क्या साथ लाए थे,क्या साथ ले जाओगे, फिर चिंता किस बात की है!संक्रमण से मरो या पूरी उम्र जीकर!इसलिए अगर प्रशासन साफ सफाई नही करता है समय पर तो यह भी आपके भले के लिए ही है!और कब तक हर बात मे निगेटिव सोचते रहोगे?कभी कभी पॉजिटिव भी सोच लिया करो!

खैर इतने से तो समझ ही गए होगे की कितना विकास हो रहा है!

।। व्यंग्य।।

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