*प्रशासन चाहता है पंचायत में गबन जारी रहे?*
प्रशासन ने गबन, हेर फेर और अनियमितताओं के मामले में उठी शिकायतों पर कार्यवाही न करके यह बताया है कि,ग्रामीण और ग्राम भले ही लूटते रहे लेकिन न्याय नहीं मिलेगा?
जाहिर सी बात है कि,करोड़ों रुपए के गबन में हिस्सा और कमीशन बकायदा सबको मिल रहा है? गबन का पैसा ऊपर तक जाता है, इतनी ऊपर तक की जहां आम आदमी की न नजर जा सकती है और न ही सोच!
गरीबों की हालत में कितना सुधार हुआ और गरीबों की हालत सुधारने का दावा करने वालों की हालत में कितना बदलाव आया? यह किसी से छिपा नहीं है!
अब आप इस तन्त्र में बैठे कारिंदों की ढिठाई कहें या बेशर्मी कोई फर्क नहीं पड़ता! क्यों कि बात करोड़ों रुपए के हेर फेर की है! गरीब मरता है तो मर जाए,बस बड़े बड़े दावे और वादे जारी रहने चाहिए!
?क्या यह न्याय प्रक्रिया बेमानी है?क्या भ्रष्टाचार की दीमक ने पूरे तंत्र को खोखला कर दिया है?ऐसे और भी तमाम सवाल हैं जिनके जवाब आवश्यक है, लेकिन प्रशासन और जिम्मेदार अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं!
किससे शिकायत करें?कौन सुनेगा ग्रामीणों की करुण पुकार? जवाब में सिर्फ एक लंबी खामोशी सुनाई देती है!
मौजूदा स्थितियां और तथ्य यह बता रहे हैं कि मनरेगा हो या फिर प्रधान मंत्री आवास योजना गरीब हितग्राहियों को घर देने से पहले सरकारी करिंदो और तंत्र के जिम्मेदारों को धनाढ्य बना रही है! stringer24news के पास ऐसे तथ्य,जानकारियां और साक्ष्य सुरक्षित हैं जो यह बताते हैं कि अनेक योजनाओं और निर्माण कार्यों के लक्ष्यों को सिर्फ कागज पर पूरा किया गया।भ्रष्टाचार को कई स्तरों पर अंजाम दिया जा रहा है।जनप्रतिनिधियों, सरकारी बाबुओं और दलालों के बीच गहरी साँठगाँठ के बगैर यह संभव नहीं है।
अब तक stringer24news के पास ऐसी अनेक शिकायतें आ रही हैं,की जहां लोग परेशान हैं कि उनके नाम से पैसा जारी हो चुका है, लेकिन पैसा किसी और ने ले लिया है। stringer24news की पड़ताल जारी है,जिसमें यह जानकारी जुटाई जा रही है की किस तरह ऐसे लोगों के नाम पर भी पैसे निकाले गए हैं!
जारी:
जो ज़िंदा हैं ही नहीं और इसमें विभागीय अधिकारियों से लेकर बैंक कर्मियों की भूमिका क्या
है।