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*सच शर्मनाक भी है और भयावह भी!: आखिर कहां है इन भिखारियों के डेरे?: बच्चों को नशा देकर भीख मांगने का सच?:नरसिंहपुर*

*कई बार आपने भी गौर किया होगा कि, शहर में छोटे बच्चों को गोद में लेकर भीख मांगने वाली महिलाओं के समूह काफी तादाद में दिखाई देते हैं!अक्सर ये पांच दिनों छह महिलाओं का समूह होता है जो किसी क्षेत्र विशेष में भीख मांगता है!*

शहर में बाहरी भिखारियों को टोली घूम रही है।कहां से आते हैं कहां जाते हैं इसका कोई ठोस प्रमाण न दे पाने से ये भिखारियों की टोली संदिग्ध नजर आती है।कभी कभी इनके पास कोई दस्तावेज भी नही होते।पूछने पर जवाब दिया जाता है की घर पर हैं ,घर कहां है तो किसी भी नजदीकी क्षेत्र का नाम बताया जाता है ताकि उन्हें जिले का स्थानीय ही समझा जाए। किंतु स्वाभाविक रूप से यह मनुष्य की भाषा शैली से जाहिर हो जाता है की वह किस प्रांत या शहर का है।

विगत तीन माह से टीम stringer24news द्वारा जिले में भिखारियों की जानकारी खंगाली जा रही हैं। दरअसल इन दिनों शहर में भिखारियों की काफी संख्या देखने को मिल रही है। इनमें भी छोटे बच्चों की संख्या ज्यादा है।

ऐसे ही कुछ भिखारियों से जब हमारी टीम ने बात करना चाहा तो अधिकांश भिखारियों द्वारा बात करने से मना कर दिया।कुछ भिखारियों ने जो बातें बताई वो चौंकाने वाली थी। बातचीत के दौरान अनेक भिखारियों ने यह स्वीकार किया की वे भी रोजगार करना चाहते हैं अपने बच्चों को उचित शिक्षा दिलाना चाहते हैं।

इनमें से कई लोग ऐसे भी हैं जिन्हें हालातों से मजबूर होकर भीख माँगना पड़ा।कुछ भिखारिन महिलाओं ने अपना दर्द साझा करते हुए कहा कि यदि मदद मिले तो वो भीख माँगना छोड़ देंगे।

जब भिखारियों से उनके घर के बारे में जानना चाहा तो अधिकांश ने अपना स्थानीय पता देने से हालांकि मना कर दिया। समुदाय में मौजूद कुछ बच्चों से नशा करने की वजह पूछी तो बच्चों ने कहा कि नशा करने से भूख नहीं लगती इसलिए कई बच्चे नशे में डूबे रहते हैं!

वहीं भीख मांगने वाली महिलाओं और लड़कियों के साथ सेक्सुअल एब्यूज आम बात है! वहीं बच्चों को नशा देकर भीख मांगने में भी काफी हद तक सच्चाई है!

भले ही आज सरकारी के द्वारा सभ्य समाज से दूर रहने वाले भिखारियों को मुख्यधारा में लाने के लिए प्रयास  किए जा रहे है।भिखारिन महिलाओं को कुपोषित बच्चों के स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने की कोशिश की जा रही है, मासूम बच्चों का नशा छुड़ाने के लिए भी लगातार भिखारियों को जागरूक बनाने की कोशिश भी की जा रही हैं।

लेकिन जमीनी हकीकत बेहद भयावह है!एक भिखारिन महिला से पूछताछ में पता चला कि बच्चे को लेकर भीख मांगने वाली महिलाएं कई बार असली मां नहीं होती हैं! हालाकि उस महिला ने इस बारे में और आगे बात करने से मना कर दिया! दरअसल गोद में बेसुध बच्चा लेकर भीख मांगने से बच्चों के नाम पर लोग भावुक हो जाते हैं और इन्हें भरपूर भीख मिल जाती है क्यों कि बच्चे को बीमार समझकर दया में भीख दे देते हैं।

जारी। : 




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