*रांकई ग्राम पंचायत में पतियों का दबदबा?: साजिश और सेवा की उलझती गुत्थी!: जनपद करेली:नरसिंहपुर*
अब तक यह अनुमान लगाया जा रहा था कि ग्राम पंचायत में अनियमितताओं के पीछे की वजह सरपंच सुनीता ठाकुर हैं। जो विकास कार्यों में रुचि नहीं ले रही है! उप सरपंच और पंचों ने मिलकर तो सरपंच की शिकायत भी विभागीय अधिकारियों से की थी!
हालाकि इसके साथ ही यह अटकलें लगाई जा रही थी कि, "उप सरपंच फयाज मालगुजार जो कि पंचायत के कार्यों में कुछ अधिक ही सक्रिय भूमिका में दिखाई दे रहे थे" के नेतृत्व में गांव में विकास की संभावना बढ़ेगी! उप सरपंच और पंचों ने भी ग्रामीणों को भरोसा दिलाया था कि, ग्राम रोज़गार सहायक का स्थानांतरण होते ही गांव में विकास कार्य हो पायेंगे!
इसके बाद अचानक ऐसा क्या हुआ की उप सरपंच का कुर्सी से मोह भंग हो गया? आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, सुनीता ठाकुर अल्प शिक्षित हैं,और इनका स्थाई निवास भी रांकई में नही है! सुनीता कभी कभार ही पंचायत भवन कार्यालय पहुंचती हैं, ऐसा ही कुछ हाल महिला पंचों का है। दरअसल पंचायत पर पूरी तरह से पतियों का दबदबा कायम है! सरपंच सुनीता की मदद की आड़ में उप सरपंच और महिला पंच की मदद की आड़ में पंच पति ही कुर्सियों पर काबिज दिखाई दिए! इतना ही नहीं आप पंचायत में होने वाले अधिकाश समाजिक,सांस्कृतिक और राजनितिक कार्यक्रमों की तस्वीरों और विडियो देखें तो आप इन जिम्मेदार महिलाओं को हाशिए पर पाते हैं, यहां भी पतियों का ही राज कायम है!
यहां पर मैं विगत वर्ष स्वतंत्रता दिवस के कुछ दिनो के बाद सरपंच सुनीता के अपमान से जुड़ी एक घटना का जिक्र जरूर करना चाहूंगा।
सरपंच सुनीता ठाकुर का उप सरपंच द्वारा अपमान किए जाने की खबरें मिडिया में तैर रही थीं, इसी सिलसिले में हमारा रांकाई जाना हुआ, इत्तफाक से उस दिन तीन चार पत्रकारों की टीम भी वहां मौजूद थी। सरपंच सुनीता ने अपना बयान दिया कि, यह कोरी अफवाह है,मेरा अपमान नही हुआ है! हालाकि इस बयानबाजी के घटनाक्रम के दौरान stringer24news के विशेष संवाददाता द्वारा बार बार यह पूछने पर कि,क्या आप दबाव में है? क्या आपका अपमान किया जाता है? सुनीता ठाकुर ने हां में जवाब देते हुए कहा था कि, वे दबाव में है! किन्तु अगले ही पल कुछ सोचकर उन्होने दोबारा अपना बयान बदल दिया, और यह पल कैमरे में कैद होकर रह गए थे! इसके साथ ही यह भी देखा गया की, सरपंच सभा कक्ष में बैठने के लिए अपनी कुर्सी खुद ढूंढ रही थीं,और बैठक स्थल तक सुनीता ठाकुर को खुद ही कुर्सी लेकर पहुंचना पड़ा!
खैर इन सब बातों को लेकर गांव के बाजार का माहौल गर्म है, पंचायत की इस तिकड़ी के कारनामों को चटकारे लेकर सुना सुनाया जा रहा है!
जारी :
*विभागीय अधिकारियों को ज्ञापन सौंपकर मामले की निष्पक्ष जांच किए जाने की मांग, , , उप सरपंच पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच के साथ ही , ,*
