*रिक्शा चालकों की जिंदगी गुजर रही मजबूरी के दौर से? ; नरसिंहपुर।*
पेडल रिक्शा चालक ;
पेडल रिक्शा चालक अब आमतौर में पर शहर में दिखाई नहीं देते हैं जो कुछ गिने चुने बचे हुए हैं वह भी हैं वह मंडी में सब्जी और दूसरे अन्य सामान की ढुलाई का काम करते हैं।
जिस तरह से पैदल रिक्शा चालकों की संख्या घट रही है उसे तरह से आने वाले समय में पेडल रिक्शा का अस्तित्व ही समाप्त हो जाएगा। बढ़ते प्रदूषण और स्वरोजगार सृजन में पेडल रिक्शा एक अहम भूमिका निभा सकता है यदि स्थानीय स्तर पर प्रशासन कोई योजना इस बारे में रखता है तो यह शहर और रिक्शा चालकों के लिए उचित होगा।
अब सड़क पर जो एक-दो रिक्शे दिख भी जाते हैं वो खाली ही होते हैं क्यूंकि कोई भी अब रिक्शे पर बैठकर सवारी नहीं करना चाहता है।
जिस हिसाब से ईंधन की कीमतें लगातार बढ़ती जा रही हैं उस हिसाब से ऑटो रिक्शा चालकों की भी कमाई नहीं हो रही है।
इसलिए कुछ रिक्शा चालकों का कहना है कि बढ़ती महंगाई से आर्थिक तंगी झेलने के अलावा और कोई चारा नहीं है। वे कहते हैं कि महंगाई मार रही है। आप सभी की कीमतों पर एक नजर डालकर देख लीजिये, वो चाहे सब्जियां हों या अन्य खाद्य सामग्रियां एवं दैनिक जरूरत की वस्तुएं हो।
दिन भर की जी तोड़ मेहनत के बाद बमुश्किल दो से तीन सौ रुपया तक ही हाथ आ पाते हैं। इस महंगाई के दौर में, इतने में परिवार का गुजारा करना बहुत कठिन है।
ऑटो रिक्शा चालक ;
ऑटो रिक्शा चालक एवं साइकिल रिक्शा चालकों से जुड़ी सबसे बड़ी विडंबना तो यह है कि उनकी यह दयनीय दशा शासन- प्रशासन के विमर्श से पूरी तरह गायब है।
गर्मी के बाद भी ना तो छाया के कोई इंतजाम किए जाते हैं और ही पानी की कोई सुविधा कहीं पर दिखाई देती है।इससे ऑटो चालक सहित यात्रियों को छाया और पानी को लेकर भी दिक्कत होती है।
शहर में कहीं ऑटो रिक्शा स्टैंड की नगरपालिका द्वारा व्यवस्था नहीं की गई है इसलिए उन्हें सड़क पर ऑटो खड़े करने पड़ते हैं।यही वजह है कि रेलवे स्टेशन बस स्टैंड और सरकारी अस्पताल क्षेत्र के आसपास सड़क के दोनों किनारे वाहनों की लंबी कतार सुबह से ही देखने को मिल जाती है।
यदि स्थानीय प्रशासन चाहे तो पोर्टेबल यात्री प्रतीक्षालय बनाकर इस समस्या का समाधान निकाला जा सकता है।
यात्री का कहना है कि अगर ऑटो स्टैंड बना दिया जाए तो वहां से आराम से ऑटो हायर किया जा सकता है।
शहर का दायरा बढ़ने के साथ ऑटो भी बढ़ रहे हैं। ऐसे में समय रहते स्टैँंड बनाना भी जरूरी है।