चालीस हजार में कूड़ा चाट गया सरपंच पति?
Stringer24 रिपोर्ट | ग्राम खमरिया, जनपद साईं खेड़ा
ग्राम पंचायत खमरिया में एक माह की साफ-सफाई पर कुल ₹40,000 के खर्च का भुगतान दिखाया गया है। ग्रामीणों का कहना है कि यह राशि सरपंच की पत्नी के पद का दुरुपयोग कर उनके पति द्वारा किए गए अनुचित सौदे का परिणाम है। गांव में इस पर तीखी चर्चाएँ शुरू हैं।
“पत्नी के पद का खुलकर दुरुपयोग कर रहा सरपंच पति — और सफाई के नाम पर गाँव की नैया डूब गई।”
📑 मामला क्या है?
दस्तावेज़ों के अनुसार, पंचायत ने एक माह में साफ-सफाई के नाम पर ₹40,000 के बिल पास किए हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि इन बिलों के पीछे वही पुराना खेल छिपा है — कमीशन और रिश्तेदारी की ठेकेदारी।
💰 आरोप क्या हैं?
स्थानीय लोगों का आरोप है कि सरपंच पति ने पत्नी के पद का दुरुपयोग कर ठेके और भुगतान अपने परिचितों को दिए। कई बार एक ही व्यक्ति के नाम पर बार-बार बिल प्रस्तुत किए गए। ग्रामीण कहते हैं — सफाई तो कागज़ों पर दिखी, ज़मीन पर नहीं।
“हर महीने चाय-नाश्ते और सफाई के नाम पर बिल दिये जा रहे हैं, पर असली काम का हिसाब साफ नहीं है।” — एक स्थानीय दुकानदार
📷 दस्तावेज़ और रसीदें
गांववालों ने कुछ बिल और नॉन-ऑफिशियल रसीदें दिखाई जिनमें लगातार छोटे-छोटे खर्च दिखाए गए हैं। हालाँकि हमारे पास अभी तक आधिकारिक बैंक ट्रांज़ेक्शन नहीं हैं — इसलिए Stringer24 इस रिपोर्ट को ‘आरोप’ के रूप में प्रकाशित कर रहा है।
🗣️ स्थानीय लोगों की राय
कई ग्रामीणों ने बताया कि पंचायत के छोटे-छोटे काम बार-बार उन्हीं ठेकेदारों को दिए जा रहे हैं जो सरपंच पति से जुड़े हैं। गाँव में कहा जा रहा है — “काम कागज़ पर होता है, ज़मीन पर नहीं।”
⚖️ जवाब का इंतज़ार
रिपोर्टर ने सरपंच और उनके पति से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन रिपोर्ट तैयार होने तक कोई आधिकारिक टिप्पणी प्राप्त नहीं हुई। यदि उनका पक्ष आता है, तो इसे इसी रिपोर्ट में जोड़ा जाएगा।
🚨 गाँव की नैया डूबती सेवाओं में
कमीशन की राजनीति में गाँव की असली सेवाएँ और सफाई के काम पीछे छूट गए हैं। जनता कहती है कि जो पैसा नालियों और विकास पर लगना चाहिए, वह केवल बिलों में घूम रहा है।
📢 जनता की मांग
- खमरिया पंचायत के खर्चों की खुली ऑडिट रिपोर्ट जारी की जाए।
- बिलों की बैंक ट्रांज़ेक्शन और रसीदें सार्वजनिक की जाएँ।
- गड़बड़ी पाए जाने पर संबंधितों पर कानूनी कार्रवाई हो।
🧾 Stringer24 की कार्यवाही
टीम द्वारा पंचायत कार्यालय को लिखित अनुरोध भेजा जा रहा है और संबंधित बिलों की प्रतियाँ सुरक्षित कर ली हैं। जैसे ही कोई आधिकारिक जवाब प्राप्त होगा, रिपोर्ट अपडेट की जाएगी।
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