*इसलिए पत्रकारों को मारो और झूठे मामलों में फंसाओ?*
/*पत्रकारों पर बढ रहे हमला से आक्रोश में शहर*
*गरीब आम जनता की आवाज है पत्रकार*
*नरसिंहपुर- पत्रकारों के अनिश्चित कालीन धरने में आप सभी सहयोग कीजिये*
।। नरसिंहपुर ।।
आपने भी सोशल मीडिया पर पत्रकारों की इस अपील को देखा ही होगा। पत्रकारों पर बढ़ते हुए हमले और झूठे मामलों में फसाए जाने जैसे मुद्दों पर अब शहर के पत्रकारों में आक्रोश व्याप्त है और यह स्वाभाविक भी है। आज दिनांक 2/1/2025 दिन गुरुवार स्थान जनपद मैदान, रेस्ट हाउस के समीप जिले के पत्रकार एकत्रित होकर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं।
आप कब तक अत्याचार सह सकते हैं? आखिर कभी ना कभी तो इस प्रताड़ना,शोषण के खिलाफ आवाज बुलंद करना ही था। क्यों एक पत्रकार को शोषित किया जाए? क्या सिर्फ इसलिए क्यों की उसने अन्याय के खिलाफ आवाज उठाई थी!या फिर इसलिए की, समाज को गंदा करने वाले किसी अपराधी,व्हाइट कालर,तस्कर, अतिक्रमणकारी,सटोरिए या ब्लैक मार्केटिंग करने वाले की खबर दिखाकर जनता को सावधान किया था इसलिए? किसी गरीब की मदद की थी या गांव वालों को भ्रष्टाचार के खिलाफ जागरूक किया था इसलिए पत्रकार से बदला लिया जाए?
कब तक इस तरह से गरीब की आवाज का दमन करोगे?कब तक लोकतंत्र के चौथे स्तंभ को प्रलोभन और प्रताड़ना की जंजीरों से जकड़ने की कोशिश करोगे?आखिर कब तक पत्रकारों को सिर्फ इसलिए मारते रहोगे क्यों कि उसने सच दिखा दिया था? कब तक? और क्यों?
और जो भ्रष्टाचारी हैं,अपराधी है,तस्कर हैं, काला बाजारी करने वाले लोग हैं, अतिक्रमणकारी हैं,सटोरिए हैं,जुआरी हैं उन्हें संरक्षण देते हो? वाह रे न्याय व्यवस्था! लोकतंत्र का गला घोंटना है तो पत्रकारों की आवाज दबा दी जाए! ताकि जनता कभी सच को न जाने पाए जो सफेद कपड़ों के पीछे हैं!इसलिए पत्रकारों को मारो और झूठे मामलों में फंसाओ ताकि गरीब की आवाज को दबा सको, सच को छिपा सको?
अगर आप अब भी खामोश हैं तो यकीन मानिए आप भी ना सिर्फ निष्पक्ष और पारदर्शी खबरें खो देंगे बल्कि लोकतंत्र को भी इसी आदत की वजह से खो देंगे।
40लाख पाठक वर्ग को लीड करने वाली समाचार सेवा प्रदाता कंपनी stringer24news झूठे मामले में फसाए जाने और पत्रकारों पर हो रहे हमले की घटनाओं की निंदा करती है। हम पत्रकारों के इस धरने का पूर्णतः समर्थन करते हैं और आह्वान करते हैं कि आप भी पत्रकारों के इस धरने प्रदर्शन को अपना सहयोग और समर्थन दें और इसके साथ ही शासन प्रशासन से मांग करते हैं कि पत्रकारों की मांगों पर जल्द सुनवाई हो।