**शिक्षा से वंचित करने की बड़ी साज़िश * किसान सभा*
मध्य प्रदेश किसान सभा के संयुक्त सचिव जगदीश पटेल ने मध्य प्रदेश सरकार की जनविरोधी कार्यप्रणाली और शिक्षा जैसे बुनियादी क्षेत्र में सरकार के मंत्रियों के सवालों के जवाब गैरजिम्मेदाराना मानते हुए बयान जारी कर बताया कि सरकार ने बच्चों को शिक्षा से वंचित रखने पूरी तैयारी कर ली है।
सरकार ने सी एम राइज स्कूल नाम दिया,कितना अच्छा नाम है न, सी एम राइज स्कूल के 15किलोमीटर के आसपास कोई शासकीय स्कूल नहीं होगा। हां पर उनके लुटेरे दलाल कार्पोरेट के निजी स्कूल कॉलेज जरूर होंगे जो आसपास के किसान मजदूर को लूटेंगे,किसान को जो थोड़ा बहुत बचेगा, और मजदूर अपना पेठ काटकर बच्चों को पढ़ाने की कोशिश करेगा।
पर जवाबदेह,अरे खुद माननीय शिक्षा मंत्री उदय प्रताप जी ने शासकीय और निजी स्कूलों में दर्ज संख्या कम होने पर विधानसभा में एक सवाल के जवाब में बताया कि 0से 6साल के बच्चे हो ही नहीं रहे हैं उनकी जनसंख्या कम हो गई है जो ऐडमिशन लेते। जबकि हकीकत यह है 14साल में 12लाख बच्चे बढ़े हैं। ओर इस 14साल में पहली से आठवीं तक 46लाख विद्यार्थियों की कमी आई है। 0से 6साल तक के बच्चे 2016से अब तक 8साल में निजी एवं शासकीय स्कूलों में 22लाख बच्चे ऐडमिशन नहीं ले सके।
*कारण क्या है, समझिए*
सरकार ने मजरे टोले के हजारों स्कूल पहले ही बंद करा दिए, और 20हजार स्कूलो को मर्जर के नाम पर बंद किया जा चुका है। शासकीय स्कूलों को बर्बाद करने की साज़िश कार्पोरेट हित में सरकार ने धीमी गति से लागू की , जिसमें बीपीएल धारियों को निजी स्कूल में फीस माफी कर शासकीय स्कूलों में संख्या कम कराई ओर नियम बनाया 30विद्यार्थियों पर 1शिक्षक ,जो आज कई स्कूलों में देखा जा सकता है कक्षा 1से 5तक एक ही शिक्षक है।और अब नई भर्ती न करना और अतिथि शिक्षकों से काम निकाल रहे हैं , योजना के तहत 20हजार स्कूलों को मर्जर के नाम पर बंद कर दिए गए। अतिथियों को कुछ समय काटने तक अटकाकर रखना है। अतिथियों की वर्तमान पीढ़ी स्थाई नौकरी की आशा में बर्बाद हो गई है,और इस समय सी एम राइज स्कूल का ढिंढोरा पीटकर 15किलोमीटर की रेंज के शासकीय स्कूल समाप्त कर देना चाहते हैं ।
*_500शिक्षक मजदूर लगाकर शिक्षण कार्य करा रहे हैं_*
मंत्री जी ने एक कार्यक्रम में संबोधित करते हुए बताया कि उनके संज्ञान में है कि 500शिक्षक स्कूल ही नहीं जाते वे मजदूर लगाकर दूसरों से कार्य करा रहे हैं जिसमें 100तो उनके गृह जिले में हैं, _**क्या_** *सरकारी शिक्षकों को बदनाम* कर शासकीय स्कूलों से जनता में घृणा फैला रहे हैं मंत्री जी, और ऐसा है तो मंत्री जी के संज्ञान में होते हुए कार्यवाही क्यों नहीं की, और अब करेंगे क्या ❓कितने नैतिक हैं मंत्री जी। क्या इन्हें पद पर बने रहने का अधिकार है ? मोहन जी को विचार करना चाहिए। उन्हें अपनी विफलता के लिए तत्काल इस्ती़फा देना चाहिए।
*प्राथमिक शाला के लिए कोई भर्ती नहीं*
वर्तमान में 72हजार पद खाली है, केवल माध्यमिक स्कूलों के लिए अभी 10हजार पद भरने की वेकेंसी निकाली गई है, प्राथमिक शाला में भर्ती का कोई कालम नहीं है,
प्रदेश में उच्च शिक्षा में स्थिति यह है कि 73प्रतिशत पद रिक्त हैं, कालेजों में 1400से ज्यादा पद रिक्त हैं जिससे छात्रों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। व्यापंम घोटाले के असली अपराधी पकड़े नहीं गए जिनमें सभी जानते हैं जिम्मेवार शामिल हैं। पेपर लीक होने के बाद भी कार्यवाही शिफर है, खेल के नाम पर क्रीड़ा शुल्क नौवीं एवं दसवीं के छात्रों से 120रु, 11वी 12वी के छात्रों से 200रु फीस वसूल रहे हैं जबकि 70प्रतिशत यानि 1742पद रिक्त पड़े हुए हैं, खेल टीचर की नियुक्ति ही नहीं है।
इससे समझा जा सकता है कि सरकार देश की जनता को अशिक्षित करने की और निजी स्कूल कालेजों में आम जन को लूटने की पूरी योजना बना चुकी है।एक साज़िश के तहत किसान मजदूर दलित आदिवासी पिछड़े वर्ग की पीढी को अशिक्षित करने की तैयारी है, जिससे उनका दिमाग अपने हक की आवाज उठाने की जगह वे गुलाम बनाए रख सकें।
मंत्री जी का विधानसभा में दिया जवाब का मतलब साफ है कि इस अंतराल में बच्चों का जन्म ही नहीं हुआ होगा।
विचार करो खेती ही नहीं हमारे बच्चे भी
अरे बच्चे फिर उन्हें शिक्षा और रोजगार भी ।
कौन है हम कलेक्टर, मिनिस्टर, 300एकड़ के किसान, जो आज शिक्षा से वंचित रखने की साज़िश,, रोजगार समाप्त और जो भूमि किसानों के पास है वह नए भूमि अधिग्रहण बिल के जरिए हमारी जमीन जबरन कार्पोरेट के हवाले सरकार करने वाली है। हमारी खेती, जिस जगह पर देशी विदेशी कार्पोरेट ने उंगली रख दी समझ लो सरकार हमसे छीनकर उन्हें देगी,शासकीय उपक्रम अब अदानी अंबानी और हमारे बीच के मिल मालिक की निजी मिल्कियत हो गई, तो फिर सरकारी नौकरी कहां है जो हम सपने देख रहे हैं बच्चे डाक्टर इंजीनियर एवं अन्य डिग्री प्राप्त कर जैसे शिक्षक को साठ हजार, लाइनमैन को साठ हजार शासकीय चपरासी तक को पचास हजार पेमेंट मिलेगी वह भी गई, गांव गांव स्कूल बंद, कही कहीं 1शिक्षक भरोसे 5कक्षाएं।बिजली कम्पनी ठेकेदार दलालों के हाथ में जिसमें रु 8हजार लाइनमैन की तनख़ाह, प्राइवेट स्कूल 6हजार शिक्षक को, स्वस्थ्य विभाग मेडिकल कॉलेज शासकीय है न पर उसमें काम करने वाले स्वीपर, गार्ड जैसे कई युवा ठेकेडार के अन्दर में 8हजार 10हजार में लाइन लगी है।
*_कभी सोचा अपने वारिसों के बारे में ❓_*
नहीं सोचा तो अब विचार कीजिए और पूंजीवादी कार्पोरेट चोर लुटेरों को पहचानिए, उनका साथ देना बंद कीजिए अपना हक जो मार रहे हैं उनको जो संरक्षण दिए हुए हैं।
उन्हें पहचानिए, अपने हक के लिए स्वयं आगे आइए औरों को भी समझाइए।
जगदीश पटेल
मध्य प्रदेश किसान सभा
982798687