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*चमडी के कारोबार से घर परिवार तक!; देह व्यापार की चमक दमक चमडी तक?*

क्या वाकई आज देह व्यापार का स्वरूप और रंग-ढंग बदलने लगा है? देह व्यापार को लेकर युवाओं के मस्तिष्क में किस तरह की मान्यताएं मौजूद हैं? वर्तमान परिवेश में देह व्यापार को लेकर देह  व्यापार से जुड़ी महिलाओं और सामान्य जनों के क्या विचार हैं?

हमने देह व्यापार से जुड़ी महिलाओं से मिलकर उनसे बात करके यह जानना चाहा कि आखिर उनके विचार क्या है? उन्हें समाज किस नजरिए से देखा है और प्रशासन से उनकी अपेक्षाएं क्या है?

(सुरक्षा और गोपनीयता के नीति नियमों के तहत पत्र और स्थान के नाम बदल दिए गए हैं।)

संगीता नाम की महिला से जब हमने मुलाकात की तब पहले तो उन्होंने हमसे इस मुद्दे पर बात करने से मना कर दिया जैसे तैसे समझाने पर वह हमसे बात करने के लिए सहमत हुई दरअसल संगीता पूर्व में एक सेक्स वर्कर रह चुकी है।

संगीता अपनी आप बीती सुनते हुए कहती है कि मैं उसे वक्त मात्र 14 साल की थी जब मेरी शादी हुई शादी के बाद पति शराब पीने के आदी हो गए और उन्होंने कम पर जाना छोड़ दिया धीरे-धीरे करके समय गुजरता गया और मेरे तीन बच्चे हो गए अब तक कमाना जरुरी हो गया था इसलिए मैंने अपने पड़ोस में रहने वाले एक पड़ोसनसे काम की बात की तब उसने मुझे खाना बनाने के काम का लालच देकर काम तय करवाया।

जब रात को मैं उनके बताए स्थान पर पहुंची तो देखा वहां पर चार से पांच लोग मौजूद और अधिकांश लगभग 35 से 40 साल की आयु के थे और वहां पर उस पड़ोसन के अलावा कोई दूसरी महिला भी नहीं थी तब मैंने पूछा कि मुझे तो शादी के खाना बनाने का काम का कर लाया गया है तब मुझे बताया गया कि आखिर माजरा क्या है मैं गुस्से में आकर अपना सर पकड़ चुकी थी।

उसे रात पड़ोसन ने मुझे गरीबी मजबूरी और डर का हवाला देकर यह काम करने के लिए मुझ पर दबाव डाला मेरे सामने भी पेट पालने की मजबूरियां थी आखिर में क्या करती?

₹500 के हिसाब से उसे रात मुझे ₹2500 मिले। उसे पड़ोसन ने मुझे पैसे हाथ में से छीन लिए और मेरे हाथ में हजार रुपए देते हुए कहा कि किसी से कुछ भी बताने की जरूरत नहीं है तुम हमारे साथ रहकर खाना बनाने का काम आराम से करो कोई दिक्कत नहीं होगी।

इसके बाद मैं लंबे अरसे तक इस व्यापार से जुड़ी रही समय बिता गया बच्चे बड़े होते गए घर के आर्थिक स्थिति मजबूत हुई और मैं इस दलदल को छोड़कर बाहर निकल आई। हालांकि आज मेरे पति मेरे साथ नहीं है हां लेकिन बच्चे जरूर इस वक्त भी मेरे साथ हैं।

हालांकि ऐसा नहीं है कि इस पेशे में सब महिलाएं मजबूरी से आई हैं कुछ ऐसे भी हैं जो अपने शोक और खर्च पूरे करने के लिए भी इस व्यापार को अपनाए हुए हैं इनमें से अधिकांश युवा वर्ग है।

हमने एक 20 वर्षीय युवती सुनैना से हमने बात की। सुनैना बताती हैं कि वह शो किया तौर पर इस पेशे में आई।

बातों को बड़ा ही सहज लेते हुए सुनैना रहती हैं कि देखी आजकल हर किसी की अपनी चॉइस है वह हमसे पूछते हैं कितनी पोजीशन और हम रकम बताते हैं बस सौदा तय हो जाता है।

सुनैना कहती हैं कि आज देह व्यापार पुरानी परंपरागत तरीकों से बहुत बाहर आ चुका है आज युवा भी खुले मस्तिष्क के हैं। शायद इसलिए ही देह व्यापार को भी व्यापार का दर्जा दिए जाने की मांग अक्सर उठती रहती है! और इतना कहते ही सुनैना खिलखिला के हंस पड़ती हैं।

इन दोनों महिलाओं ने अपनी बातों में बताया कि हालांकि उनसे तो कभी कुछ नहीं कहा जाता लेकिन लोग देहव्यापार से जुड़ी महिलाओं को सम्मानजनक निगाहों से नहीं देखते हैं अक्सर उन्हें सामाजिक कार्यक्रमों या रिश्तेदारों में नहीं बुलाया जाता है उनके अपने भी उनसे कन्नी काट लेते हैं बस जो कुछ थोड़े से रिश्ते बचे रह जाते हैं वहीं उनकी जिंदगी जीने का सहारा बन जाते हैं कोई मजबूरी में तो शायद कोई पैसों को देखते हुए।

खुले विचारों की विनीता का कहना है की सेक्स वर्क भी एक पेशा है। लोग फरमाइश करते हैं और हम सेवा देते हैं इसके बदले हमें रकम मिलती है यह एक व्यापार नहीं तो और क्या है?मैं मजबूरी में यौनकर्मी बनी हूं अगर पेशा नहीं करूं तो रोटी, कपड़ा, मकान और बच्चों की पढ़ाई का खर्च कहां से आएगा?इसकी कमाई से बच्चों का लालन-पालन बेहतर तरीके से हो रहा है और मैं भी बेहतर जिंदगी जी रही हूं।

हम लोग दूसरी महिलाओं की तरह सम्मान और बराबरी का अधिकार चाहते हैं,आखिर हम भी एक सामान्य महिला हैं कहते हुए रानी बीच में बोल पड़ती है। रानी भी सेक्स वर्कर है जो पिछले 12 साल से इस धंधे में हैं। लेकिन वे यह कहते हुए चिंताग्रस्त दिखाई देती हैं कि एक उम्र गुज़र जाने के बाद अभाव ग्रस्त जिंदगी जीने को मजबूर होना पड़ता है।

नम्रता अपनी बात रखते हुए कहती हैं कि हमें कई बार असुरक्षित यौन संबंध बनाने के लिए मजबूर किया जाता है अधिकांश 40 की उम्र के लोग इस तरह की मांग करते हैं। दो पैसा ज्यादा मिलता है तो सब कुछ करना पड़ता है।

जारी ;

Yuvaon ki choice Badal Rahi hai?

स्थानीय स्तर पर 10-10 युवाओं के समूह पर एक सर्वे किया जिसके नतीजे चौंकाने वाले थे।

सर्वे के आंकड़ों के मुताबिक 6% युवाओं ने यह माना कि वे कभी ना कभी जिस्म के व्यापार से जुड़ी महिलाओं के पास गए थे।

जबकि इनमें से मात्र तीन प्रतिशत ऐसे थे जो की लगातार कुछ समय तक इन महिलाओं के संपर्क में थे। इसका आशय यह हुआ कि सामान्य युवा वर्ग एक लंबे समय तक देह व्यापार से जुड़ी महिलाओं की ओर आकर्षित नहीं रहता है?

35 से 40 आयु वर्ग के साथ पुरुषों ने यह स्वीकार किया कि वह कभी ना कभी संबंध बनाने दे व्यापार से जुड़ी महिलाओं के पास पहुंचे। यह आंकड़ा चौंकाने वाला है।







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