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*कब तक गांवों को लूटा जाता रहेगा?*

।। विवेचना ।।

सवाल उठना चाहिए!आखिर कब तक गांवों को विकास के नाम पर लूटा जाता रहेगा? कब तक गबन, हेर फेर, मिलीभगत और बंदरबाट के खेल में ग्रामीण जनता पिसती रहेगी?

कभी सरपंच ने गबन किया तो कभी सचिव ने हेर फेर किया,कभी जीआरएस ने गोलमाल किया तो कभी ए. ई. ने झोलझाल किया तो कभी सीईओ ऊपर तक हिस्से का कमीशन पहुंचाने में उलझे रहे! क्यों कि सरकारी राशि है और इस राशि का हिसाब मांगेगा कौन?

प्रधानमंत्री आवास चाहिए तो 10,000 शौचालय के लिए 2000 खेत तालाब के लिए 5000 और छोटे मोटे कागज बनवाने के लिए 200 रु से लेकर 1000 रूपये तक तय हैं! अब कोई दो पांच लाख रुपए खर्च कर मुफ्त में सेवा करने के लिए तो सरपंच बने नहीं हैं!

ग्रामीण शिकायत करेंगे भी तो कितनी, किस किस से और कब तक? अंधेर नगरी का राज भी शायद ऐसा ही होता होगा?जहां न्याय भी बस एक दिखावा बनकर रह जाता है!

शासन प्रशासन के नियम कायदे हैं,दिशा निर्देश हैं, बावजूद इसके अधीनस्थ अधिकारी कर्मचारियों में कानून का कोई खौफ नहीं! क्यों कि वे जानते हैं कि सेटिंग का सिस्टम हर जगह काम करता है! आखिर हैं तो चोर चोर मौसेरे भाई ही?

आधारभूत सुविधाओं से वंचित गांवों के विकास की उजली तस्वीर के सपने हकीकत में बदलने का इंतजार खत्म नहीं हो रहा है! ग्रामीण अब तक तक मूलभूत सुविधाओं से वंचित है!विकास को तमाम योजनाएं आई, लेकिन धरातल पर उतरने से पहले ही दम तोड़ गईं। कागजों में विकास सिमटता रहा और किसी ने सुध तक नहीं ली!

सरकार भले ही विकास के तमाम दावे करे, लेकिन भ्रष्टाचार के चलते आज भी यह हालात हैं कि न गांवों की सूरत बदली और न विकास को पंख लगे!गांवों में आमतौर पर जो हालात पहले थे, वैसे ही आज भी हैं!ग्राम पंचायतों में जमकर भ्रष्टाचार हुआ, ग्रामीणों ने शिकायत की और गबन के मामलों ने मिडिया में खूब सुर्खियां बटोरी! बावाजुद इसके की अधिकारी कोई जांच या कार्यवाही करते, मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया!

वहीं राजनैतिक संरक्षण प्राप्त पंचायतों को इस कार्यवाही दूर रखा है। प्रशासन की इस कार्यवाही पर सवालियां निशान खड़े हो रहे हैं। खास बात यह है कि कार्यवाही से इन पंचायतों में से कुछ पंचायतों पर जिला पंचायत के जनप्रतिनिधियों का सीधा संरक्षण प्राप्त है।जब सैंया भाई कोतवाल तो डर काहे का, खुल्लम-खुल्ला करो भ्रष्टाचार, जानता है चीखेगी चिल्लाएगी हल्ला करेगी, हमें तो करना खुल्लम-खुल्ला भ्रष्टाचार, अधिकारी कहे तो चढ़ाएंगे चढ़ोत्तरी और फिर करेंगे खुल्लम-खुल्ला भ्रष्टाचार , यह सब जायज है!

जारी:


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