करेली/नरसिंहपुर। पंचकोसी परिक्रमा यात्रा का आज तीसरा दिन है। इस संकल्पित यात्रा पर पत्रकार विक्रम सिंह राजपूत अकेले ही आगे बढ़ रहे हैं — भक्ति, साहस और आत्मानुशासन के साथ हर पड़ाव को स्वयं अनुभव करते हुए।
पहले दिन उन्होंने बरमान घाट पहुंचकर पूजन, भोजन और विश्राम किया। वहीं से परिक्रमा का शुभारंभ हुआ। दूसरे दिन प्रातःकाल में धरमपुरी और खामघाट के दर्शन किए गए, जिसके बाद आगे की यात्रा जारी रही। लिंगा पहुंचने पर रात्रि विश्राम का विचार था, लेकिन आवश्यक दवाओं और भोजन की व्यवस्था हेतु उन्हें करेली लौटना पड़ा, जिससे लगभग बीस किलोमीटर अतिरिक्त दूरी तय करनी पड़ी।
तीसरे दिन की सुबह करेली से यात्रा पुनः प्रारंभ हुई। रस्ते में एक छोटे से चाय स्टॉल पर रुककर उन्होंने चाय पी और कुछ पल विश्राम किया। इसके बाद पुनः कदम बढ़ाए — पंचकोसी के पथ पर, जहां हर मोड़ पर अनुभव है, एकांत में संवाद है, और आत्मा की गहराई से उठती शांति की अनुभूति है।
“यह यात्रा सिर्फ पैरों की नहीं, मन की भी है — हर कदम आत्मा की खोज की ओर बढ़ता है।”
