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सचिव और सरपंच पति: सरकारी खजाने की खूनखराबा? — बिलों में हेर फेर की डरावनी सच्चाई
रिपोर्ट: Stringer24 टीम • स्थान: ग्राम पंचायत केरपानी • दिनांक:
क्या यह महज़ मिलावट है — या कुछ और? पढ़िए पंचायत की ऐसी कहानी जो आपके रगों में खौफ भर देगी।
आरोप:
- सरकारी पोर्टल पर अधूरे, अस्पष्ट और नियम-विरुद्ध बिल अपलोड किए गए।
- बीजक (बिल) बिना प्रमाण-पत्र और परिशिष्ट के दिखते हैं — खातों में खाली नाम, अनिर्दिष्ट श्रेणी।
- इन्हीं बिलों के माध्यम से लाखों रुपये के हेर-फेर के संकेत मिलते हैं।
डरावना सबूत — पर सवाल खड़े हैं
जब हम सिफारिशों और बिल-लॉग को टटोलते हैं, एक डरावना पैटर्न दिखता है — तार्किकता नाम की कोई चीज़ नहीं, सिर्फ़ झूमती हुई संख्याएँ और खाली विवरण। ऐसे दस्तावेज़ जो नियम के खिलाफ हैं, चोरी के नक्शे की तरह व्यवस्थित रूप से सामने आते हैं।
"बिल में केवल ‘सफाई कार्य’ लिखा हुआ — पर न तो कार्य का स्कोप, न ही तारीख, न ही कोई हस्ताक्षर। फिर भी धन निकला?यह तीन बिल तो उदाहरण है,ऐसे और भी अनेकों बिल हैं,जिनमें हेर फेर किए जाने की संभावना है!" — ग्रामीणों का कथन!
कौन-सा खेल खेला जा रहा है?
सरकारी तंत्र के अंदर कुछ लोग उन रास्तों को ढूँढ रहे हैं जहाँ नियम की रोशनी कम पड़े। अधूरे बिल, अस्पष्ट कोड, और बिना प्रमाण के भुगतान — ये वही रास्ते हैं जिनसे बड़े पैमाने पर पैसा बह सकता है।
फटकारने वाली बातें — तत्काल देखने योग्य
- कई बिलों में सेवा की तारीख गायब है।
- प्राप्तकर्ता का नाम संदिग्ध रूप से बार-बार वही दिखता है।
- रवायत के खिलाफ दस्तावेज़ों पर अनुमोदन और भुगतान एक ही दिन में दर्ज।
हमने क्या पाया — और क्या मांगेंगे
हमारी टीम ने ग्रामीणों से वार्ता की, बिलों की पड़ताल जारी है — Stringer24news का साफ़ संदेश है — पारदर्शिता ही इलाज है।
हम माँग करते हैं:
- सभी संदिग्ध बिलों का खुला ऑडिट और सार्वजनिक रिपोर्टिंग।
- जिम्मेदार अधिकारियों के विरुद्ध स्वतंत्र जांच।
- ग्राम पंचायत के हर भुगतान का प्रमाण-पत्र, तारीख और लाभार्थी का खुलासा।
यदि आपके पास कोई दस्तावेज़ या सूचना है — हमें भेजें।
खुलासा सनसनी खेज:
सरपंच पति और सचिव से जब सच को जानना चाहा तब, , उन्होंने जो जवाब दिए , , वो बहुत ही चौंकाने वाले हैं, , सवालों का जवाब देने की बजाय सरपंच पति ...........पढ़िए अगले अंक में , ,
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