*सचिव नियम कायदों को क्यों करता रहा तार तार?: ग्राम पंचायत बेदू:गोटेगांव:नरसिंहपुर*
ग्राम पंचायत बेदू में अव्यवस्था, अराजकता, शोषण, उत्पीड़न और पंचायत में आर्थिक अनियमितता जैसे अपराध के लिए जिम्मेदार कौन है?आखिर क्यों लिखी जा रही है बेदू में शोषण और आतंक की इबारत?
क्या वजह रही होगी कि,सचिव खुलेआम निगम कायदे कानून की धज्जियां उड़ा रहे थे?सचिव किसके इशारों पर चल रहे थे? शासकीय सेवक कहलाने वाला सचिव ही शासन को गुमराह कर रहा था! आखिर इसकी वजह क्या थी?
ग्रामीणों का शोषण करने के लिए सचिव ने लोकतंत्र की अवधारणा का ही गला घोंटने का प्रयास किया?इस शोषण और उत्पीड़न ने ग्रामीणों में नागरिक बोध ही समाप्त कर दिया?
यदि इस पूरे मामले में सचिव कटघरे में खड़े दिखाई देते हैं!सचिव की भूमिका मामले को लेकर जितनी संदिग्ध है,उससे भी कहीं अधिक सचिव की कार्यशैली संदिग्ध प्रतीत होती है!
सचिव ने शासन को गुमराह करते हुए गलत जानकारियां उच्च अधिकारियों तक पहुंचाई! जिसका नतीजा यह हुआ कि, गांव का विकास अवरुद्ध हुआ!
सचिव ने जो अपराध किया है,वह बेहद ही संगीन है! शासन प्रशासन के साथ धोखाधड़ी करने और पंचायत में आर्थिक अपराध को अंजाम देने के जुर्म में विभाग सचिव के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कर नियमानुसार कार्रवाई कर सकता है!
सरकारी पैसों में कमीशन खोरी के हिस्से के लिए आर्थिक अनियमितताएं की गई! महिला के अधिकार हनन के अपराधी सचिव पर विभाग के अधिकारी कार्यवाही करने की बात तो कहते हैं,लेकिन देखना यह है कि,यह कार्यवाहियां कब शुरू हो पाती हैं?
आज जिला कलेक्टर शीतला पटले और जिला पंचायत अधिकारी को लिखित शिकायती आवेदन देकर मामले को गंभीरता से लिए जाने की मांग की जाएगी।
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हमारी पंचायत से तुम्हे विज्ञापन जाता तो है! विज्ञापन को भ्रष्टाचार का लाइसेंस समझने की गलती करने वाले