*हिन्दुओं का नरसंहार?: कब रुकेंगे ये अत्याचार?*
।। विश्लेषण ।।
हाल ही में बांग्लादेश में हुए सत्ता परिवर्तन के बाद भड़की हिंसा ने विकराल रूप धारण कर लिया है। प्रधानमंत्री शेख हसीना के देश छोड़कर भाग जाने के बाद हालात बद से बदतर हो गए हैं।
मिडिया रिपोर्ट्स और सोशल मीडिया पर बांग्लादेश के हालात बयां करते हुए सैकडों विडियो हिंदुओं के नरसंहार की घटनाओं को उजागर कर रहे हैं। सैकड़ों हिन्दू मन्दिर धाराशायी किए जा रहे हैं! हॉस्टल में रहने वाले हिन्दू छात्रों को छत से फेंका जा रहा है!बच्चे बिल्डिंग के बाहर पाईप के सहारे बाहर लटक कर अपनी जान बचाने की कोशिश कर रहे हैं! लड़कियों को सरेआम निर्वस्त्र कर उनके साथ ********* किया जा रहा है! यहां तक कि छोटे छोटे मासूम बच्चों का भी गला घोंटा जा रहा है!
ऐसी विभत्स तरीके से हत्याएं की जा रही है कि वीडियो देखकर मन घृणा,क्रोध और दुख से विचलित हो गया है। चुन चुन कर हिन्दुओं की दुकानों को जलाया जा रहा है। महिलाओ की आबरू लूटी जा रही है! वहीं मशहूर हिन्दू गायक के घर को भी जला दिया!बांग्लादेश में कट्टरपंथियों के निशाने पर हिंदू क्यों है? जब विरोध सरकार का था तो!सेना प्रमुख ने अंतरिम सरकार के गठन का ऐलान किया है, लेकिन अल्पसंख्यक अभी भी सुरक्षित नहीं हैं।
हालात यह है कि, जब से शेख हसीना ने इस्तीफा देकर देश छोड़ा है तब से ही उनकी पार्टी अवामी लीग के नेता और समर्थक इधर-उधर छिप पर अपनी जान बचा रहे हैं , मोजुदा स्थिति बहुत खराब है। कई नेताओं को या तो मार दिया गया है या उनको किडनैप कर लिया गया है। आगजनी और हत्या आम बात हो गई है। पुलिस कहीं नजर नहीं आ रही है।
हालाकि इस बिच एक अच्छी खबर यह भी सामने आ रही है की, जो मंदिर अब तक तोड़फोड़ और आगजनी से बचे हैं, उन इलाकों में मुसलमान उनकी रखवाली कर रहे हैं। स्थिति बेहद चिंताजनक है।
अब सवाल यह है कि, आख़िर इस सबमें अल्पसंख्यक हिंदू निशाना पर क्यों हैं? जिस तरह से हिंदू मंदिरों को टारगेट किया जा रहा है,क्या उससे यह जाहिर नही हो रहा है कि ये सोची समझी साजिश का हिस्सा है? ऐसा लग रहा है जैसे कि,इस आंदोलन की आड़ में कट्टरपंथियों को मौका मिल गया है और वो हिंदुओं पर निशाना साध रहे है।